हो पिता तो,
आप भी तो,
पिता के जैसे रहो |
हो गए इतने बड़े, पर
पहन कच्छी घूमते हो,
हो न पीते, बात सच, पर
पागलों-सा झूमते हो,
आपका घर
है, सही, मत
मन करे वैसे रहो |
दंग आँगन रह गया है,
आपकी इन हरकतों से,
हर समय कुछ बड़बड़ाना,
राख लाना मरघटों से,
माँ बड़ी है,
कुछ न कहती,
'आप मत ऐसे रहो' |
है रसोई में कहाँ क्या?
देखते, मन हँस रहा है,
आपका हर काम जैसे
साँप ज़हरी डँस रहा है,
जिस तरह, सब
रह रहे हैं,
आप भी तैसे रहो |
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